الآيتان [٣٨،٣٩] : (١٨ (٥ |
الآية [٢٣] : (٥) ٢٣ |
الآية [٢٠] : (٥) ٢٨ |
الآية [٤٠] : (٥) ١٨ |
الآية [٢٤] : (٥) ٢٣ |
الآية [٢١] : (٥) ٢٨ |
الآيتان [٤١،٤٢] : (١٨ (٥ |
الآية [٢٥] : (٥) ٢٣ |
الآية [٢٢] : (٥) ٢٨ |
الآية [٤٣] : (٥) ١٨ |
الآيات] ٣٤ ـ ٢٦] : (٢٣ (٥ |
الآية [٢٣] : (٥) ٢٨ |
الآية [٤٤] : (٥) ١٨ |
الآية [٢٥] : (٥) ٢٤ |
الآية [٢٤] : (٥) ٢٩ |
الآية [٤٥] : (٥) ١٩ |
الآية [٣٦] : (٥) ٢٤ |
الآية [٢٥] : (٥) ٢٩ |
الآية [٤٦] : (٥) ١٩ |
الآية [٣٨] : (٥) ٢٤ |
الآية [٢٦] : (٥) ٢٩ |
الآية [٤٧] : (٥) ١٩ |
الآية [٣٩] : (٥) ٢٤ |
الآية [٢٧] : (٥) ٣٠ |
الآية [٤٨] : (٥) ١٩ |
الآية [٤٠] : (٥) ٢٤ |
الآية [٢٨] : (٥) ٣٠ |
الآية [٤٩] : (٥) ١٩ |
الآية [٤١] : (٥) ٢٤ |
سورة الجن |
الآية [٥٠] : (٥) ١٩ |
الآية [٤٢] : (٥) ٢٥ |
الآية [١] : (٥) ٣١ |
الآية [٥١] : (٥) ١٩ |
الآية [٤٣] : (٥) ٢٥ |
الآية [٢] : (٥) ٣١ |
الآية [٥٢] : (٥) ١٩ |
الآية [٤٤] : (٥) ٢٥ |
الآية [٣] : (٥) ٣١ |
سورة المعارج |
سورة نوح |
الآية [٤] : (٥) ٣٢ |
الآية [١] : (٥) ٢٠ |
الآية [١] : (٥) ٢٦ |
الآية [٥] : (٥) ٣٢ |
الآية [٢] : (٥) ٢٠ |
الآيتان [٢،٣] : (٢٦ (٥ |
الآية [٦] : (٥) ٣٢ |
الآية [٣] : (٥) ٢١ |
الآية [٤] : (٥) ٢٦ |
الآية [٧] : (٥) ٣٢ |
الآية [٤] : (٥) ٢١ |
الآية [٥] : (٥) ٢٦ |
الآية [٩] : (٥) ٣٢ |
الآية [٥] : (٥) ٢١ |
الآية [٦] : (٥) ٢٦ |
الآية [١٠] : (٥) ٣٣ |
الآية [٦] : (٥) ٢١ |
الآيتان [٧،٨] : (٢٧ (٥ |
الآية [١١] : (٥) ٣٣ |
الآية [٧] : (٥) ٢١ |
الآية [١٠] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٢] : (٥) ٣٣ |
الآية [٨] : (٥) ٢١ |
الآية [١١] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٣] : (٥) ٣٣ |
الآية [٩] : (٥) ٢١ |
الآية [١٢] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٤] : (٥) ٣٣ |
الآيتان [١٠،١١] : (٢١ (٥ |
الآية [١٣] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٦] : (٥) ٣٤ |
الآيتان [١٢،١٣] : (٢٢ (٥ |
الآية [١٤] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٧] : (٥) ٣٤ |
الآية [١٤] : (٥) ٢٢ |
الآية [١٥] : (٥) ٢٧ |
الآية [١٨] : (٥) ٣٥ |
الآيتان [١٥،١٦] : (٢٢ (٥ |
الآية [١٦] : (٥) ٢٨ |
الآية [١٩] : (٥) ٣٥ |
الآية [١٧] : (٥) ٢٢ |
الآية [١٧] : (٥) ٢٨ |
الآية [٢٠] : (٥) ٣٦ |
الآية [١٨] : (٥) ٢٢ |
الآية [١٨] : (٥) ٢٨ |
الآية [٢١] : (٥) ٣٦ |
الآيات] ٢١ ـ ١٩] : (٢٣ (٥ |
الآية [١٩] : (٥) ٢٨ |
الآية [٢٢] : (٥) ٣٦ |
الآية [٢٢] : (٥) ٢٣ |
|
|