الآية [١٣] : (٤) ٣٠٩ |
الآية [١٨] : (٥) ٧ |
الآية [٥١] : (٥) ١٢ |
الآية [١٤] : (٤) ٣٠٩ |
الآية [١٩] : (٥) ٧ |
الآية [٥٢] : (٥) ١٣ |
الآية [١٥] : (٤) ٣٠٩ |
الآية [٢٠] : (٥) ٨ |
سورة الحاقة |
الآيتان [١٧،١٨] : (٣١٠ (٤ |
الآية [٢١] : (٥) ٨ |
الآية [١] : (٥) ١٤ |
الآية [١٩] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٢] : (٥) ٨ |
الآيتان [٢،٣] : (١٤ (٥ |
الآية [٢٠] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٣] : (٥) ٨ |
الآية [٤] : (٥) ١٤ |
الآية [٢١] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٤] : (٥) ٨ |
الآيتان [٥،٦] : (١٤ (٥ |
الآية [٢٢] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٥] : (٥) ٨ |
الآية [٧] : (٥) ١٤ |
الآية [٢٣] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٦] : (٥) ٨ |
الآية [٨] : (٥) ١٥ |
الآية [٢٤] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٧] : (٥) ٨ |
الآية [٩] : (٥) ١٥ |
الآية [٢٥] : (٤) ٣١٠ |
الآية [٢٨] : (٥) ٨ |
الآية [١٠] : (٥) ١٥ |
الآية [٢٦] : (٤) ٣١١ |
الآية [٢٩] : (٥) ٩ |
الآية [١١] : (٥) ١٥ |
الآية [٢٧] : (٤) ٣١١ |
الآية [٣٠] : (٥) ٩ |
الآية [١٢] : (٥) ١٥ |
الآية [٢٨] : (٤) ٣١١ |
الآية [٣١] : (٥) ٩ |
الآية [١٤] : (٥) ١٦ |
الآية [٢٩] : (٤) ٣١١ |
الآية [٣٢] : (٥) ٩ |
الآية [١٥] : (٥) ١٦ |
الآية [٣٠] : (٤) ٣١١ |
الآية [٣٣] : (٥) ٩ |
الآية [١٦] : (٥) ١٦ |
سورة القلم |
الآية [٣٤] : (٥) ٩ |
الآية [١٧] : (٥) ١٦ |
الآيتان [١،٢] : (٣ (٥ |
الآية [٣٥] : (٥) ٩ |
الآية [١٨] : (٥) ١٦ |
الآية [٣] : (٥) ٤ |
الآية [٣٦] : (٥) ٩ |
الآيات] ١٩،٢١] : (١٦ (٥ |
الآية [٤] : (٥) ٥ |
الآية [٣٧] : (٥) ١٠ |
الآية [٢٢] : (٥) ١٦ |
الآيتان [٥،٦] : (٥ (٥ |
الآيتان [٣٨،٣٩] : (١٠ (٥ |
الآية [٢٣] : (٥) ١٧ |
الآية [٧] : (٥) ٥ |
الآية [٤٠] : (٥) ١٠ |
الآية [٢٤] : (٥) ١٧ |
الآيتان [٨،٩] : (٥ (٥ |
الآية [٤١] : (٥) ١٠ |
الآية [٢٥] : (٥) ١٧ |
الآية [١٠] : (٥) ٦ |
الآية [٤٢] : (٥) ١٠ |
الآية [٢٦] : (٥) ١٧ |
الآية [١١] : (٥) ٦ |
الآية [٤٣] : (٥) ١١ |
الآيتان [٢٧،٢٨] : (١٧ (٥ |
الآية [١٢] : (٥) ٦ |
الآية [٤٤] : (٥) ١١ |
الآية [٢٩] : (٥) ١٧ |
الآية [١٣] : (٥) ٧ |
الآية [٤٥] : (٥) ١١ |
الآيتان [٣٠،٣١] : (١٧ (٥ |
الآية [١٤] : (٥) ٧ |
الآية [٤٦] : (٥) ١١ |
الآيات] ٣٢،٣٤] : (١٧ (٥ |
الآية [١٥] : (٥) ٧ |
الآية [٤٧] : (٥) ١٢ |
الآية [٢٥] : (٥) ١٨ |
الآية [١٦] : (٥) ٧ |
الآية [٤٨] : (٥) ١٢ |
الآية [٣٦] : (٥) ١٨ |
الآية [١٧] : (٥) ٧ |
الآية [٤٩] : (٥) ١٢ |
الآية [٣٧] : (٥) ١٨ |
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الآية [٥٠] : (٥) ١٢ |
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