|
|
(م) |
|
|
قتلت أعز ... الكلام |
|
|
ابن الرومي : |
٥٢٠ |
ألا أيها .. أنت حالم |
|
|
عويف القوافي : |
٣٢٢ |
ومن يطلب .. تخترمه المخارم |
|
|
عمرو بن براقة الهمداني : |
١٢٩ |
فإن يك يحيى .. وهو كريم |
|
|
ابن الرومي : |
٥٢٠ |
بني عمنا .. يلمنا اللوائم |
|
|
موسى بن عبد الله : |
٣٨١ |
لعمرك إن المجد .. لمقيم |
|
|
|
٤٠٦ |
ألمت خناس .. وأحلامها |
|
|
عويف القوافي : |
٣٢٢ |
وأبذل لابن .. في الناس مكرما |
|
|
|
٤٢٥ |
يا صاحبي .. بألوم منكما
|
|
|
عبد الله بن مصعب : |
٢٦٧ |
أبي قومنا .. الدما |
|
|
الحصين بن الحمام : |
١١٩ |
نفلق هاما .. وأظلما |
|
|
|
١١٩ |
ستة آباء .. صوب الغمام |
|
|
النابغة : |
٤٥٦ |
إن بني .. من أخزم |
|
|
أبو أخزم : |
٥٤٨ |
وأبو الفضل .. من أسقام |
|
|
الكميت بن زيد : |
٩٠ |
فلم أر مهرا .. وأعجم |
|
|
ابن أبي مياس الفزاري : |
٥٠ |
لعمر حمدونة .. السقام |
|
|
|
٤٨٣ |
يعجبني ... أم سلمة |
|
|
وحشي الرياحي : |
٤٩٨ |
|
|
(ن) |
|
|
قناع الشك .. الرأي الرصين |
|
|
|
٤٣٦ |
وبدا له ... لمعانه |
|
|
|
٤٨٦ |
على الكره .. ورزين |
|
|
دعبل : |
٤٥٩ |
ألا يا عين .. المؤمنينا |
|
|
أم الهيثم النخعية : |
٥٥ |
زعم ابن مسعدة .. وبيانا |
|
|
إبراهيم بن عبد الله بن الحسن: |
٢٦٩ |
سالت دموعك .. الأحزانا |
|
|
عبد الله بن مصعب : |
٢٦٧ |
يا كيف .. سلوانا |
|
|
سعيد بن محمد الأنصاري : |
٥٥٨ |
يا ضرية من .. رضوانا |
|
|
عمران بن حطان : |
٥١ |
ما ضرّ تغلب .. تناطح البحران |
|
|
الفرزدق : |
٢٧١ |
فلأبكين .. وعلى الحسن |
|
|
موسى بن عبد الله بن محمد : |
٣٨٤ |