مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
ألم تر أن |
معصم |
٤٥٨٢ |
فاليوم عندك |
المعصم |
٤٥٦٩ |
والله ما تخدعني |
ولا بضمِّ |
٥٠٦٧ |
روافده أكرم |
خضم |
٣٨٤ ، ٢٥٧٢ |
فاجتمع |
الخضم |
١٨٣٠ |
كم لك يا سفاح |
الخضم |
١٨٢٩ |
ولقد خَشِيتُ |
ضَمْضَمِ |
١٨١٢ ، ٣٨٩٦ |
يظل يمشي |
بالمتهضم |
٣١٦٩ ، ٦٣١١ |
أحاذر الفقر |
وضَمِ |
٧١٩٦ |
لست براعي |
وضَمْ |
٧١٩٥ |
قد لفّها |
حُطَمْ |
١٤٩٣ |
بأعقارها الغِربانُ |
المحطَّمِ |
٣٨٧٥ |
فقد كان نوراً |
المُعَطَّمِ |
٨٩٣ |
ومنا نبي |
الأعاظم |
٥٨٦٠ |
ولا بُدَّ مِنْ قتلى |
العظمِ |
١٢٩٦ |
لحي حلالٍ |
بمعظِمِ |
١٢٧٠ |
هم وسطٌ |
بمعظم |
٧١٥٦ |
خيرُ حيٍّ |
عَمْ |
٥٨٦٤ |
والعدو بين |
العم |
٤٢٧٥ |
فلو مُدَّ عمري |
وابن عم |
٧١٦ |
وتلقاك خيل |
الضراعم |
٣٥٤٣ |
بمستأسدٍ أقوى |
نواعمِ |
٢٦٤ |
وذو الشوذب |
النواعم |
٣٤٠٨ |
له ربَةٌ قد |
مَزْعَمُ |
١٤١٥ |
عُلِّقتها عرضاً |
بمزعَم |
٢٨٠٠ |
فمنهن مثل |
الطعم |
٣٣١٧ |
أردّ شجاعَ |
بالطُّعْم |
٤١١٣ |
حديثُكِ أَشْهَى |
للطَّعْمِ |
٣٠٨ |