مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
وكأن السَّموط |
غزال |
٤٧٠٢ |
أبى عودك |
تسأل |
٤٣٩٥ |
قليلة جرس |
سلسالِ |
٢٩٢٢ |
تَراحُ يداهُ |
النّصالِ |
٢٦٨٢ |
فأجْعل فقرتها |
عضال |
٦٨٣ |
ليالي إذ |
بمعطال |
٤٦٠٤ |
ديارٌ لسلمى |
هَطَّالِ |
٢٣٦٢ |
لا زال ريحانٌ |
هَطّالِ |
٥٢٢٥ |
رمتني بعيني |
عالِ |
١٢٣٩ |
وغارة ذات |
الرِّعال |
٥٤٥٠ |
وكانت من نتاج |
سعال |
١٣٢٤ |
ويأوي إلى نسوة |
السَّعالْ |
٢٥٢٦ |
فتراها تشكو |
النِّعالِ |
٤١٤٢ |
تقطعُ الأمْعَزَ |
الإيغالِ |
٧٢٢٩ |
إذا ما الضجيع |
مُتْفالِ |
٣٩٢٣ |
لطيفة طَيِّ |
متفالِ |
٧٥٤ |
كلانا شاعرٌ |
الثِّفَالِ |
٨٥٣ |
وخَرقٍ قد |
ثفَال |
٢٣١٠ |
والخال ثوب |
للغُفَّال |
١٩٦٨ |
غير ميلٍ |
أكفال |
٤٨٢٦ |
مذببة أَضَرَّ بها |
قال |
٢٢٣٧ |
عنده البِرُّ |
الأَثْقَالِ |
٢٦٠ |
ربما تجزع |
العقال |
٥١٣٦ |
يا نبيَّ التخوم |
عُقَّال |
٧٣١ ، ٤٦٥٤ |
الواو والفاء |
المقال |
١٢١٦ |
هَمْدَانُ قَومٌ |
آكَالْ |
٢٩٣ |
كان الصوار |
بأجلال |
١١٥٩ |
أَحمَّ الله |
الحَلالِ |
١٩٦ |