التسلسل |
صدر البیت |
القافیة |
البحر |
الشاعر |
رقم المسالة |
١٨٧ |
ظلت تجوب يداها وهي لاهية |
الغسق |
البسیط |
زهیر بن ابی سلمی |
٢٢٢ |
١٨٨ |
نمشي فتنقلها عجيزتها |
الوسق |
المنسرح |
امرؤالقیس |
٢٠٣ |
١٨٩ |
له درمك في رأسه ومشارب |
ودیسق |
الطویل |
الاعشی |
١١٠ |
١٩٠ |
قد كنت أخشى عليك الحتوف |
الصاعقة |
المتقارب |
لبید بن ربیعة |
١١٤ |
١٩١ |
ولا الملك النعمان بوم لقيته |
ویطلق |
الطویل |
الاعشی |
٣٦ |
١٩٢ |
وفارقتك برهن لا فكاك له |
غلقا |
البسیط |
زهیر بن ابی سلمی |
٧٩ |
١٩٣ |
يوم قفت عبيرهم من عبرنا |
فلق |
الرمل |
عدی بن زید |
٤٣ |
١٩٤ |
الفارج الهم مسدول عساکره |
الفلق |
البسیط |
زهیر بن ابی سلمی |
٦٨ |
١٩٥ |
وبيني حصان الفرج غير ذميمة |
واقعة |
الطویل |
الاعشی |
٣٧ |
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حرف (ل) |
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١٩٦ |
يغط غطيط البكر شد خناقه |
بقاتل |
الطویل |
امرؤالقیس |
١٢٨ |
١٩٧ |
الا زعمت بسباسة اليوم أنني |
امثانی |
الکامل |
امرؤالقیس |
١٩٤ |
١٩٨ |
تربت بد لك ثم قل نوالها |
سجالها |
الخفیف |
مجهول |
١٩٨ |
١٩٩ |
فتقبوا في البلاد من حذر الموت |
مجال |
الوافر |
عدی بن زید |
١٥٣ |
٢٠٠ |
تلاقينا فقاضينا سواء |
لحال |
المنسرح |
مجهول |
٥٧ |
٢٠١ |
سدم قدیم عهد بانيه |
وذغال |
البسیط |
عبدالله ابن الزبعری |
٢٢٩ |
٢٠٢ |
يدعون منها بقوم لا خلاق لهم |
واغلال |
الکامل |
امیة بن ابی الصلت |
٥٩ |
٢٠٣ |
حفد الولائد حولهن واسلمت |
الاجمال |
البسیط |
مجهول |
٨ |
٢٠٤ |
تلك المكارم لا تعبان من لبن |
ابوالا |
مجزوء |
امیة بن ابی الصلت |
٣٥ |
٢٠٥ |
اهل القباب الحمر |
والقنابل |
الکامل |
الاعشی |
٢٣٩ |
٢٠٦ |
اذا شددنا شدة صادقة |
الجبل |
الرمل |
حسان بن ثابت |
١٢ |